कविता मात्र 10 साल की है।तेज दिमाग,सही समय पर सही काम।यह सब कविता के गुण है।सभी कविता की मां को कहते आपकी बेटी तो खरा सोना है। इतनी छोटी सी उम्र में इतनी दूर तक का सोच लेती है। वह एक छोटे से जिले में रहती थी जहां अभी तक विकास तेजी से गति नही पकड़ पाई थी। https://www.profitableratecpm.com/w8makbxr9?key=67f6618480f72a05beede361198d4be8
<script type='text/javascript' src='//pl27015405.profitableratecpm.com/fa/b1/83/fab18353076766dd03a9a6666ccf87b1.js'></script> उन दिनों शहर में चोरी बहुत हो रही थी पर कोई चोर को पकड़ नहीं पाता जिसके घर में चोरी होती वह यही कहता कि रात में एक व्यक्ति आया जिसने अपने चेहरे को मास्क से ढक रखा था और पिस्तौल दिखाकर पैसे और गहने ले गया। चोरी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी पर पुलिस चोर को पकड़ नहीं पा रही थी। एक दिन कविता के पिता सुनील सुबह ढाबे में चाय के साथ पेपर पढ़ने का मजा ले रहे थे।बाकी बैठे व्यक्ति भी चाय का मजा ले रहे थे तभी अचानक सुनील का फोन बजता है। उसने देखा की कविता की मां का फोन है उसने फोन उठाया तभी उसकी मां ने कहा कविता के स्कूल से फोन आया था कविता ने पूरे क्लास में फर्स्ट रैंक से पास किया है इसलिए हम दोनों को मिलने बुलाया है। सुनील ने कहा यह तो बहुत अच्छी बात है तभी उसकी मां ने कहा सचमुच सब ठीक कहते हैं हमारी बिटिया असली सोना है, एकदम 24 कैरेट की। तभी सुनील ने मजाक में कहा कि पेपर में सूचना दिया है कि सभी अपने सामान का हिफाजत करें चोरी बढ़ गई है। तुम संभाल के रखना अपने 24 कैरेट के सोने को उन्होंने हंसते हुए फोन काट दिया। उसी रात उसके घर में चुपके से किसी ने प्रवेश किया कविता की मां को शक हुआ तो वह जग कर बाहर निकली तो देखा एक व्यक्ति काले कपड़े एवं चेहरे पर काले रंग का मास्क लगाए हुआ है और इधर-उधर देख रहा है। वह देखते ही चिल्ला उठी और चोर ने फौरन उसके सिर पर पिस्टल रख दिया।अपनी पत्नी की आवाज सुन सुनील दौड़ा आया।मां की आवाज सुन एवं पापा को जाते देख डरते हुए धीरे से कविता भी गई तो देखा की मां पापा पर चोर पिस्टल ताने हुआ है।वह चुपचाप कमरे में आई और पुलिस को फोन कर सारी बात बताई एवं अपना पता बताया। जब वह फिर कमरे से बाहर आई तो देखा कि चोर पूछ रहा है– बता कहां छुपा रखा है सोना? तभी मां कहती है हम गरीब लोग हैं हमारे पास कहां से आएगा सोना कुछ पैसे पड़े हैं अलमारी में।आप वह लेकर हमें छोड़ दीजिए। चोर कहता है हमें सब पता है। लगता है तुम लोग ऐसे नहीं मानोगे। इतना सुन कविता वहां झटकते हुए आती है और अपने पापा को बोलती है,क्यों जान जोखिम में डालते हैं पापा।बता दीजिए न कहां है सोना। तभी चोर बोलता है – ए लड़की,तू बता कहां है सोना? कविता बोलती है मुझे अपनी जान प्यारी है चलिए मैंने देखा है मैं आपको ले चलती हूं। वह चोर को अपने स्टोर रूम में ले गई जहां बहुत अंधेरा था और पुराने सामान पड़े थे तभी चोर गुस्से में बोलता है यहां तो बहुत अंधेरा है। कविता ने कहा मैंने मां को यही छुपाते देखा था। मां खोज कर देगी तो जल्दी मिल जाएगा बस इतना अभी कहां ही था कि पुलिस भी वहां आ धमकी और चोर को पकड़ कर ले गई। उस जिले के कलेक्टर ने कविता के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन करवाया और चोर को पकड़वाने एवं उनकी बहादुरी के लिए ₹50000 की राशि प्रदान किया एवं उसकी पढ़ाई का खर्चा सरकार के हाथों में आया। तभी कविता की मां ने मुस्कुराते हुए कहा सच में हमारी बिटिया असली सोना है और सुनील ने हंसते हुए कहा – एकदम 24 कैरेट का।
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